फीस

बिस्तर पर पड़ी माँ अपने दर्द में कभी कभी इतना डूब जाती है कि उसे अपने बच्चों के प्रयास और परेशानियाँ दिखाई नहीं देते। वो दुर्भावना से ग्रस्त हो जाती है ,और बच्चे उसे इस स्थिति में से निकालने की कोशिश में परेशान ! ऐसा ही कुछ देखा तो लिखा-----(अपवाद हमेशा ही होते हैं )

है पीर सहन से परे उठती ह्रदय में टीस 
पाषाण ह्रदया मरणासन्न माँ, देती दुराशीष 
कैसे बाँटें दर्द को, बच्चे हुए बेचैन 
दुःख-अवसाद बच्चों को हुई ममत्व की फीस 
               ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️