बेईमानी

प्यार कब का मर चुका, फिर आँखों में पानी क्यों है   
दिल दर्द से लबालब है, फिर तुझे हैरानी क्यों है
इतना एतबार खुद पर भी न वाज़िब साथी मेरे  
वजह बता ! अपने शाने-वज़ूद से तेरी बेईमानी क्यों है 
       ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️