बेशकीमती

   किसी के पास कुछ भी हो 
   वो हमारे काम का नहीं
   हमारे पास जो है वो ही  
दुनिया में सबसे ज़्यादा कीमती 
     हम बेहतर की तलाश 
  में बेहतरीन को क्यों खोएं 
उसी को संवारे और निखारे हम  
   जो हमारा वो ही बेशकीमती