भेदभाव

भेदभाव जाति, धर्म का तो है ही समाज में, पर उससे बुरा है वर्गीय भेदभाव। 
समाज में ऊँचनीच पैसे, पद, प्रतिष्ठा के आधार पर । 
इसी पर कुछ पंक्तियाँ आपके सामने --- 

हर किसी को चाहिए 
अपने लिए लोकतंत्र 
अपने से नीचे वाले
 के लिए तानाशाही 
छोड़ दो वर्गीय भेदभाव
इंसानियत के लिए 
लोकतंत्र सबका अधिकार है ,
होना चाहिए  
लोकतंत्र शादी में रखा बुफे नहीं,
जितना मन में आया, खाया 
बाकी छोड़ दिया 
अपने ऊपर से सम्मान चाहो 
तो नीचे पहले दो