शराब भड़काती है ज़ज़्बात शायर नहीं बनाती ज़नाब अगर ऐसा हो तो हम भी मयखाने में घर बना लें अपनी किस्मत आज़मा लें शायद हो जाएँ मशहूर हम भी खुद को बेहतर शायर बना लें
शराब भड़काती है ज़ज़्बात शायर नहीं बनाती ज़नाब अगर ऐसा हो तो हम भी मयखाने में घर बना लें अपनी किस्मत आज़मा लें शायद हो जाएँ मशहूर हम भी खुद को बेहतर शायर बना लें