*नतीजा जैसा भी निकले, तुम सत्यपथ पर अडिग रहना* *जीतेंगे कभी हारेंगे, हम जीवन-रण, पड़े सुख-दुःख सहना* *सात परदे फाड़ कर भी, सच्चाई, आ जाती है सामने बाहर* *सदा नहीं रहे, सत्यपथ पर हार, समझो हार को गहना* ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
*नतीजा जैसा भी निकले, तुम सत्यपथ पर अडिग रहना* *जीतेंगे कभी हारेंगे, हम जीवन-रण, पड़े सुख-दुःख सहना* *सात परदे फाड़ कर भी, सच्चाई, आ जाती है सामने बाहर* *सदा नहीं रहे, सत्यपथ पर हार, समझो हार को गहना* ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️