सहज सरल जीवन मिले जिसको प्रभुकृपा समझो मिली उसको सुख शांति प्रेम मुस्कान होठों पे प्रभु प्रसाद समझो मिला उसको मगर प्रभु प्रीत ,आभार ह्रदय में हो तो समझो सब कुछ मिला उसको
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गीता ज्ञान
संजय ने गीता में कहा - जहाँ हैं योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण जहाँ हैं गांडीव धनुषधारी अर्जुन वहां ही है श्री ,विजय ,विभूति और अचल नीति ! ये मेरा मत है ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !
परमात्म शरण
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज । अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः ॥ "सभी धर्मों को यानि सभी कर्तव्यकर्मों को त्यागकर तू केवल मेरी शरण में आ मैं यानि सर्वशक्तिमान सर्वाधार परमेश्वर तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा शोक ना कर"
परमात्मसिद्धि
"जिस परमेश्वर से उत्पन्न हुए सभी प्राणी जिससे व्याप्त है ये सारा जगत उस परमेश्वर को पूज अपने स्वाभाविक कर्मों से यही पूजा करे 'परमात्मसिद्धि 'प्रदत्त " 'सही आचरण से निभाए दूसरे के धर्म से अपना गुणरहित धर्म भी श्रेष्ठ है क्योंकि स्वभाव से निश्चित स्वधर्म रूपी कर्म से मनुष्य पाप का भागी नहीं होता'
तीन तरह का सुख
जिस सुख में मनुष्य भजन ध्यान और सेवादि के अभ्यास से आनंदित होता है और दुखों का अंत होता है जो शुरु में लगे विष सामान पर अंत में अमृत समान परमात्मा से जुड़ी बुद्धि से मिला वो सुख सात्विक है विषय और इन्द्रियों के संयोग से हो जो सुख उत्पन्न भोगने में हो जो अमृत जैसा मगर परिणाम में विष जैसा वो सुख राजस है जो करे सुख भोगने में और परिणाम में मोहित आत्मा को जो निद्रा आलस्य और प्रमाद से हो उत्पन्न वो सुख तामस है पृथ्वी ,आकाश ,देवता या कही भी ऐसा कोई नहीं जो रहित हो इन तीन गुणों से
सात्विक ज्ञान
'जिस ज्ञान से मनुष्य सब प्राणियों में देखे अविनाशी परमात्मा को विभागरहित समभाव से उस ज्ञान को सात्विक जान '
सात्विक त्याग
"जो ना करे अकुशल कर्म से द्वेष जो ना हो कुशल कर्म में आसक्त वो है सत्वगुणी संशय रहित बुद्धिमान और सच्चा त्यागी " किसी भी मनुष्य का पूरी तरह से सब कर्मों का त्याग नहीं संभव इसलिए जो कर्मफल का करे त्याग! वही त्यागी कर्मफल का त्याग ना करने पर अच्छा फल या बुरा फल या थोड़ा अच्छा थोड़ा बुरा कोई ना कोई फल ज़रूर मिलता है कर्मफल का त्याग करने पर किसी भी काल में कर्मों का फल नहीं है
ऊर्जा स्त्रोत 1
भीड़ में अकेला बच्चा परेशां सा खड़ा हार रहा है साथी बच्चों से अचानक माँ पर नज़र पड़ी चेहरा ख़ुशी से खिल गया जैसे ताकत का खज़ाना मिल गया विश्वास से चेहरा दमकने लगा क्यूंकि वो अपने ऊर्जा स्त्रोत से मिल गया और हारने का डर दिल से निकल गया ठीक वैसे ही तू भी गर ब्रह्माण्ड अपने ऊर्जा स्त्रोत से मिल गया ज़िन्दगी चमत्कारों से भर जायेगी आत्मविश्वास,असीमित संभावनाएं फूलों सा महकता जीवन जो होगा डर विहीन ,दर्दविहीन सम्मानित अपनी और दूसरों की नज़र में
वस्त्र
"ज्यूँ त्याग पुराने वस्त्र मानव करे नए वस्त्रों को धारण .. त्यूं आत्मा भी पुराना शरीर त्याग करे नया शरीर धारण "...
ऐ रब मेरे
ऐ रब मेरे! हुस्न तेरा कमाल है कमाल हर बात हर हुनर हर अदा है बेमिसाल बिछ जाऊं तेरी राह में, मैं फूलों की मानिंद तेरा संगमरमरी मुजस्समा करे है हलाल ऐ रब मेरे! हुस्न तेरा कमाल है कमाल ......... है रात दिन अब तेरा ख्याल ही ख्याल बन गया है मेरी तो ये जान का बवाल कभी तो बन के आ मेरे ख्वाब की ताबीर नहीं तो ज़िन्दगी मेरी, सिर्फ है मलाल ऐ रब मेरे! हुस्न तेरा कमाल है कमाल ........ नहीं चाहिए जन्नत मुझे, ना ही तेरी दुनिया तेरे बिना नहीं कोई, मेरा यहाँ अपना अपना लिया मुझे मेरी ,नादानियों के साथ तुझमे हो जाऊं ज़ज़्ब ,बस यही है ख्याल ऐ रब मेरे! हुस्न तेरा कमाल है कमाल .......