सुना तैयार है कोई दिल की, सुनने सुनाने को संभलना बैठा न हो कहीं,गम को ही भुनाने को गम है तेरा सरमाया, संवारेगा तुझे हर पल गम को साथ रख हर वक़्त, नहीं है ये भुलाने को
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आप के क्या हाल हैं
नयन सजल, ह्रदय विकल, आँखों में सवाल हैं हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं खामोशियाँ चारों तरफ, दिल में मेरे शोर है सीने की अगन मेरी, जीना किये मुहाल है हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं रुके रुके से हैं कदम, थका थका सा है ये मन बेचैन मुझे कर रहे, आपके ख्याल हैं अपनों की भीड़ में रहा ना कोई मेरा अपना अब व्यवहार करें गैरों सा आ रहे मलाल हैं हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं वक़्त ना किसी के पास, शामें मेरी हैं उदास खोया पाया मैंने क्या अब यही सवाल हैं हमदर्द बन के वो मेरे जीवन में शामिल हो गए हैं बेकदर वो इस कदर हुए जान का बवाल हैं हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं होठों पे मुस्कान रख, कर मन सुदृढ़, मज़बूत बन कह रही है रूह मेरी आप इतने क्यों बेहाल हैं नयन सजल, ह्रदय विकल, आँखों में सवाल हैं हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं ......
दस्तक
दिल के दरवाजे पे, दस्तक ना दे, तू इतने प्यार से! दर्द अब तेरे लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हमने ख़ुशी अब सिर्फ तेरे लिए जगह है दिल में रंजोगम से तोड़ लिए अब सारे रिश्ते हमने
हमसफ़र
क्या जाने मुझे कितने, दर्द में डुबो गया आज वो नाराज़ होकर पीठ करके सो गया... आंसुओं में भीगा, चेहरा था मेरा मगर ! मुँह धुला समझ कर वो, अपने में ही खो गया... जिसको अपना समझ के ,बिता दी हमने एक उम्र किस्मत के इम्तिहान में वो, फिर से जीरो हो गया ... मिट्टी उसकी और हमारी दोनों की करामाती है ना वो बदला ,ना ही हम ,आज साबित हो गया ... हमको समझ ना आया वो, और ना उसको हम ना जाने कैसे ये लम्बा सफर ,यूँ ही तय हो गया ...
सितम
वक़्त के खूबसूरत 'सितम 'देखिये हम ही ना रहे 'हम' देखिये चारों तरफ बिखरी थीं खुशियां मगर हम थे खुद में मगन रात दिन देखिये बार बार खुशियों ने दस्तक दी दिल पर ना किया हमने खुद पर करम देखिये प्यार यूँ सबसे किया हमने ऐसे कि हम भूले खुद को ही हम 'बेरहम' देखिये उम्र का हर पड़ाव खूबसूरत तो है दिल में शिद्दत से जीने की चाहत भी है पर कोई हमारा बने ना बने दिल की ख्वाहिश हुई है ख़तम देखिये पेड़ों से झड़ते हुए फूल यूँ मोती से धरती पे बिखरे हुए देखूं कैसे इन्हें ? फूलों की बेकद्री या है धरती पे इनका करम देखिये वक़्त के खूबसूरत सितम देखिये हम ही ना रहे 'हम' देखिये
जाम
दर्द में भी मुस्कुराना सीख लेना चाहिए जंग गर अपनों से हो ,हार के जीत लेना चाहिए प्यार मोहब्बत के जाम हमेशा से पीते तो हैं सभी कड़वाहट के जाम भी पीना सीख लेना चाहिए
बुढ़ापा
जर्ज़र शरीर ,बेनूर आँखें, ज़बरदस्ती ओढी हुई मुस्कान ज़िन्दगी तुझे जिया तो मगर ! ठहर गयी रग रग में थकान ! ये जीवन चक्र बचपन जवानी बुढ़ापा फिर बचपन ! कितना मुश्किल है ! बारहा जीवन की ये तड़पन !
मिल या मत मिल
रूह में ज़ज़्ब हो जाने का ज़ज़्बा हो तो मिल मेरी राह में फना हो जाने का दिल हो तो मिल मेरे हर डर को हरा सकता हो तो मिल मेरा हर ज़ख्म मिटा सकता हो तो मिल झूठे दिलासे देने हो तो मत मिल वक़्त पे कदम पीछे हटाने हो तो मत मिल मेरे दर्द पे पीठ पीछे हंसना हो तो मत मिल और नया ज़ख्म देना हो तो बिलकुल मत मिल मिल या मत मिल,मेरे लिए दुआ कर बिस्मिल !
साथ
आँख से दर्द का दरिया बहे तो मत रोको जब तक न आये दिल को सब्र ! मत रोको सच्चे दोस्त साथ में रहते हैं चुपचाप खड़े साथ से वो जल्द हो जाएगा मज़बूत !उसे मत टोको