ना कर किसी को ज़ुदा उनके अपनों से या फिर उनको भी उनसे ज़ुदा करदे नहीं सहन होता बिछोह का दर्द ए रब न हो यकीं तो कुछ पल खुद को इंसान कर दे
ना कर किसी को ज़ुदा उनके अपनों से या फिर उनको भी उनसे ज़ुदा करदे नहीं सहन होता बिछोह का दर्द ए रब न हो यकीं तो कुछ पल खुद को इंसान कर दे