रब मेरा

मिलाता राह वो कदम से कदम 
रब मेरा साथ मेरा निभाता गया 
कभी अपनों ने घेरा, कभी गैरों ने 
राह मुझको सही वो दिखाता गया 

मैं हैरान थी ये सब देखकर 
कैसे-कैसे मुझे वो निभाता गया 
मेरी नाक़ामियाँ मेरी कमज़ोरियाँ 
किस तरह से हमेशा छुपाता गया 
 
बेशक चाहा नहीं था मिला जो मुझे 
पर दिया जो मुझे सब लुभाता गया 
हरसूँ तन्हाईयाँ और खामोशियाँ   
पर वो आवाज़ अपनी सुनाता गया 
 
मैं चला तो सेहरा था चारों तरफ 
मेरी राहों में रब गुल खिलाता गया 
आज खुशियों से दामन भरा है मेरा 
जो कमी थी मुझे वो दिलाता गया 
 
पाने खोने को ज्यादा मैं तरज़ीह न दूँ
तभी सौ मुश्किलों से मिलाता गया 
दिन-ब-दिन निखरती रही 'मुक्त' यूँ ही  
आइना भी मुझे  ये बताता रहा  
     रब मेरा साथ मेरा निभाता गया... 
            ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️ 

निरंतरता और जुनून

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आप सब के प्रेम,प्रोत्साहन और अपनेपन की वजह से मैं, 
                  "१००१ पोस्ट" 
इस ब्लॉग पर लिख पायी। एक अजीब सी संतुष्टि का,कुछ कर पाने का अहसास है।  
सच कहूँ तो खुद पर गर्व सा हो रहा है ,सच में ! हम चाहें तो क्या नहीं हो सकता। 
बस निरंतरता और जुनून से काम करना है।  बाकी तो परमपिता परमात्मा कर ही रहे है,
" हमारे भले के लिए हमेशा, हर पल, बिना रुके "। 

दोहा /278
रोम रोम तुम बस रहे, रोम रोम में धाम। 
हे परमेश्वर आपको ! ह्रदय से है प्रणाम।। 

दोहा /279
सदा मुझे सदबुद्धि दो, कार्य करूँ मैं नेक। 
गर्व से सिर ऊँचा रहे, रहे सुबुद्धि विवेक।। 
       ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️ 
ह्रदय तल से आभार, धन्यवाद, शुक्रिया। 
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GRATITUDE

Dear readers, 

I am so thankful and grateful for the love, affection and acceptance so many of you have shown me. This has been a new and exciting world for me. This day is special because my grandson turns two today, and my site, less than one year old, has reached 200 followers on the same day! Infinite thanks and gratitude to god and all of you who have encouraged me through this journey.
I thank you from the bottom of my heart.

Seema Kaushik "Mukt"

शुभकामनाएं

महकें चहकें चमकें झूमें, जीवन की हर दीवाली आप 
दसों दिशाओं चारोँ ओर से, बरसे खुशियों की सौगात ! 
मुस्काएँ नयनों के  दीप, हँसी मुस्कानें हो चारोँ ओर  
इस जीवन में कभी न सूखे, प्रेम शांति की बरसात !
सबका हरदिन मंगलकारी, हो रहे सदा मन में आनंद  
विनती यही प्रभु कृपा बरसे, हम पर सदा यूँ ही दिनरात ! 
               ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️ 

धन तेरस,छोटी दिवाली,बड़ी दिवाली ,गोवेर्धन पूजा 
और भैया दूज की,आप सभी को सपरिवार शुभ कामनाएं !

माँ दुर्गा

" आप सब जानते हैं माँ दुर्गा के बारे में
सच कहूं तो कुछ भी नया नहीं बता पाऊँगी 
पर आप सभी में स्थित माँ दुर्गा के अंश को मेरा नमन ! 
आज माँ को बस दिल से पुकारूँगी  "

हे दुर्गा माँ !नमन आपको !
दुर्गातिरशमनी कर दुःख शमन !  
शिव की शक्ति,बुद्धि रूपी,लक्ष्मी रूपी
माँ तुझे नमन !       
भक्तिरूपी शक्तिरुपी शांतिरूपी 
माँ तुझे नमन !
अपने आँचल की छाँव दे हमको  
प्यार कृपा से भर दे दामन !
हम सब तेरे चंचल बालक 
स्नेहपूर्ण तेरा अंतर्मन !
श्रद्धारूपी लक्ष्मीरूपी स्मृतिरुपी            
माँ तुझे नमन !
अंतर्यामी माँ मेरी तू 
जाने सबका अंदर बाहर !
माँ के प्यार बिना तरसे है 
चाहे जितना बड़ा हो बालक !  
तुष्टिरूपी दयारूपी मातृरूपी 
माँ तुझे नमन !   
जीवन के हर घर्षण में 
तुमको मेरा सब कुछ अर्पण !  
आत्म मुग्ध ना बनूँ कभी
देखूं हमेशा मैं मन दर्पण !
सर्वसुखदायिनी पापनिवारिणी 
हे दुर्गा माँ ! कोटि नमन ! 
कोटि कोटि नमन !

क्या हो तुम

रब /राम / परमात्मा /गॉड / कृष्ण ! क्या हो तुम !
तपती हुई रेत पर पानी की बूँद तुम 
जीवन की गर्म हवाओं में शीत पवन तुम 
हम सभी प्राणियों का भार सहती धरती तुम 
सभी के संरक्षक सर की छत आकाश तुम  
दिन भर के थकेहारे को सुकून भरी रात तुम 
घोर अंधियारे को चीरते हुए चाँद सितारे तुम 
अँधेरे को काटते उम्मीद की किरण लिए भोर का सूरज तुम 
लहलहाते खेत तुम बागों की बहार तुम 
मज़दूर का पसीना तुम ! किसानो की मेहनत तुम 
सैनिकों की वीरता तुम ! इंसानों की बुद्धि तुम 
माँ बाप गुरु तुम ! हर प्यार करनेवाला हाथ तुम 
हर मज़बूत बनानेवाला वार तुम ! वार भी, शत्रु भी तुम ! 
जीते जीते थक गए तो मौत की मीठी नींद तुम 
हो तुम कहाँ नहीं ! हर स्वास हर धड़कन में तुम 
अदृश्य भी दृश्य भी ! हो शाश्वत हर सत्य भी !
क्यों तुम्हें पुकारूँ मैं !वाणी की हो जब शक्ति तुम !
कुछ ऐसा करो परमपिता ! हो मुझ पर तेरी कृपा ! 
मैं कहीं भी ना रहूं ,रहो तो सिर्फ तुम ही तुम !

धन्यवाद

तू मेरा हमसाया मेरा दोस्त मेरा यार  रहा  
हर उतार चढ़ाव में पग पग तू  मेरे साथ रहा  
दिल का जब दर्द बढ़ा रोई भी हूँ तेरे आगे 
तू  बढ़ाता रहा ताकत हमे संभालता ही रहा 
रोम रोम से दिल की हर धड़कन से हर स्वास से 
मेरे प्रभु! कोटि कोटि धन्यवाद! शुक्रिया! आभार! 
जीवन की नैया को डगमग देखते ही 
पतवार अपने हाथ लेने के लिए 
हे परमात्मा ! कोटि कोटि  धन्यवाद !शुक्रिया !आभार!  

धन्यवाद श्रृंखला ::3

हे परमात्मा ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद है !आप हर पल हर क्षण  हमारे साथ हैं। इसलिए आज का दिन हमारी जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ दिन है प्यार ,आदर, सम्मान ,प्रशंसा जैकपॉटऔरअच्छे समाचारों से भरा हुआ। हे प्रभु ,हमारे भीतर असीम शक्ति है असीम शांति है ,असीम शांति है,असीम शांति है।हमारे पास प्रचुर मात्रा में धन है जिसका हम सदुपयोग करते हैं। हमारे संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति ,वस्तु,परिस्थिति ,वातावरण ,जगह, मौसम ,यातायात ,वास्तु ,जन्मकुंडली, प्रकृति,ये ब्रह्माण्ड, पूरी कायनात, हमारे अनुकूल है !हमारे अनुकूल है!हमारे अनुकूल है !हम कृपावान हैं! हम भाग्यवान हैं! हम पर नारायण की असीम कृपा है!आपके आर्शीवाद से मेरा घर सुख शांति समृद्धि से भरा हुआ है और पूरी तरह सुरक्षित है। मैं जीवन के हर क्षेत्र में सफल हूँ। मैं वाणी विचार व्यवहार से सकारात्मक हूँ !मेरी लाज़ बचाने के  लिए, मेरी बिगड़ी बनाने के लिए,मुझे हमेशा स्वस्थ रखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! मैं सप्त सितारा जीवन जी रही हूँ जैकपॉट और अच्छे समाचारों से भरा हुआ !!आभार !आभार! आभार!

धन्यवाद श्रृंखला ::२

हे प्रभु ,हम तुझे भूल जाते हैं पर तू हमे नहीं भूलता। तेरे प्यार के आगे मेरा प्यार कहीं नहीं ठहरता। तू प्यार करता रहता है ,बिना शर्त देता रहता है। हम इतराते रहते हैं ,प्यार करने के लिए भी शर्त लगाते हैं। प्यार की कमी हमारी तरफ से है क्योंकि तू इशारों में समझाता है और हम समझ नहीं पाते हैं। तू माफ़ करता रहता है ,हम गलतियां दोहराते हैं। जाने अनजाने मन वाणी कर्म से जो भी भूलें ,अपराध या पाप हमसे हुआ ,उसकी क्षमा याचना करते हैं। हे नाथ,हम आपकी शरण में हैं। हे भगवान ,मार्गदर्शन करते रहने के लिए ,सही दिशा दिखाने के लिए और शानदार जीवन देने के लिए आपको कोटि कोटि नमन,कोटि कोटि अभिनन्दन, कोटि कोटि आभार, कोटि कोटि धन्यवाद !!! शांति शांति शांति।