चाह अगर है 'लक्ष्य' की, मत करना आराम तन-मन-धन लगता जहाँ, पूरा होता काम ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
Month: April 2022
141.दोहा
भावों के आवेग से, होती पीर अपार धागा बाँधो राम से , हो जाओ भवपार ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
परेशान
भारत में 'गरीबी' 'लाचारी' ,भुखमरी' अगर आम हो जायेगी ये 'महँगाई' 'बेरोज़गारी' इस तरह बेलगाम हो जायेगी ध्यान देना होगा हम सभी को, इन छोटी छोटी बातों पर भी 'लूट' 'चोरी' 'डकैती "बढ़ीं आम जनता परेशान हो जायेगी
140.दोहा
जीवन की इस शाम में, क्यों होना मायूस जो होना हो कर रहे, पियो चैन से जूस ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
139.दोहा
सुनो आज दूँ मैं बता, अहम् बहुत ये राज़ दुनिया से रूठो मगर, मत हो ख़ुद नाराज़ ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
शुक्रिया
मुझे सबने दुआओं में शामिल किया, शुक्रिया शुक्रिया मिरा दीया न उम्मीदों का बुझ सका, शुक्रिया शुक्रिया मुझे बिन चाह सबका प्यार मिला सदा, शुक्रिया शुक्रिया कभी बदले न ये जज़्बात यही दुआ, शुक्रिया शुक्रिया
138.दोहा
*साझा कर हर दर्द तू, कर नहीं मन अशांत* *केवल दर्द कहो जहाँ, रहें 'स्वजन' 'एकांत*' ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
सक्षम नारी
औरत कितनी सक्षम है, ये समझ लो देख के भ्रम मिटा दो नारी है, कमज़ोर तुम देख के माँ पिता दोनों का वो, कर्तव्य निर्वहन करे मेहनती माँ के समक्ष, झुक गया सर देख के ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
137.दोहा
शिव बैठे बरगद तले, ध्यान में हिय रमाय। सदा रहूँ एकांत में , मैं भी ध्यान लगाय।। ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
136.दोहा
यदि चाहो ख़ुद से मिलन, आवश्यक एकांत। ह्रदय कमल तब ही खिले, मन भी रहता शांत।। ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️