आत्मा को ना काट सके शस्त्र कोई ना जला सके अग्नि कोई ना भिगो सके जल कोई ना सूखा सके वायु कोई आत्मा तो अखंड सर्वव्यापी अचल अव्यक्त अचिन्त्य निर्विकार जो ज्ञानी जानता है वो कभी भी शोक नहीं करता
आत्मा को ना काट सके शस्त्र कोई ना जला सके अग्नि कोई ना भिगो सके जल कोई ना सूखा सके वायु कोई आत्मा तो अखंड सर्वव्यापी अचल अव्यक्त अचिन्त्य निर्विकार जो ज्ञानी जानता है वो कभी भी शोक नहीं करता