नदी का अस्तित्व मिटा मिलके समंदर में मिठास खो गयी उसकी मिलके समंदर में अहसान कैसा जो अपनाया समंदर ने मिलकर भी कुछ न मिला उसको समंदर में प्रेम प्रदर्शित करे ये गहरा समंदर भी कृतज्ञता,नरमाई क्यों कुछ न समंदर में ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
नदी का अस्तित्व मिटा मिलके समंदर में मिठास खो गयी उसकी मिलके समंदर में अहसान कैसा जो अपनाया समंदर ने मिलकर भी कुछ न मिला उसको समंदर में प्रेम प्रदर्शित करे ये गहरा समंदर भी कृतज्ञता,नरमाई क्यों कुछ न समंदर में ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️