जो बेरहमी से .............अपनेपन के धागे तोड़े कोई कैसे समझे............. उससे रखें या छोड़ें सबको छोड़ कर जाना ही है,सबकुछ इक दिन मुँह मोड़कर चलें........इससे पहले के वो मोड़े ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
जो बेरहमी से .............अपनेपन के धागे तोड़े कोई कैसे समझे............. उससे रखें या छोड़ें सबको छोड़ कर जाना ही है,सबकुछ इक दिन मुँह मोड़कर चलें........इससे पहले के वो मोड़े ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️