वो बोला " तुझसे तेरा घर बनाया नहीं गया " क्या कहूं उससे कि उसे अपनाया नहीं गया !! दिल चीखता रहा चिल्लाता रहा दिल का जज्बा होठों पे लाया नहीं गया हर वक़्त यही जिद उसे अपना रखने की क्यों, क्या जिंदगी का वक़्त जाया नहीं गया कैसे बताये वो जिंन्दगी देकर भी उस शख्स से उसे अपनाया नहीं गया सूंदर घर, लायक बच्चे समाज में इज्ज़त और पूरी वफादारी नाकाफी लगी उसे शायद वो उसे मिटाना चाहता था लेकिन मिटाया नहीं गया बेइज्जती बेवफाई बेरुखी और गैर ज़िम्मेदारी सब कुछ किया उसने पर क्या कहूँ उससे हराया नहीं गया उससे हराया नहीं गया