रहने दो

उसे तन्हाइयों में डूब कर रहने दो 
जो भी दिल में है खुलकर कहने दो 
थक गयी है वो! सबको खुश रखते 
दिल का दर्द आंसुओं में बहने दो 

अपने अपनों के शोर में कितनी तनहा है! 
ग़मों का बोझ उसे सिले होंठ सहने दो
सब को मालूम है क्या करना चाहिए उसे 
उसको भी उसके दिल की करने दो 

हासिल नहीं कुछ भी इस दुनिया में 
इस अहसास को दिल की सतहों में रहने दो  
ये गुस्सा ही उसकी ताकत है 
उसको उसके गुस्से के साथ रहने दो 

अच्छा ही है सबके लिए!जल जायेगी खुद ही !
वो है कहानी अनकही उसे अनकही ही रहने दो। 

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