प्यार पैसा दौलत शोहरत उन्नति प्रगति सफलता बरकत बढ़ोतरी और बहुत कुछ पाने की होड़ जारी है खुद को भुला कर दुनिया पाने की दौड़ जारी है इंसान कब इंसान हो जागे उसका ईमान जो सही गलत अच्छे बुरे की सही उसे पहचान हो अपने साथ सभी के लिए सोचे ऐसी इंसानियत की खोज जारी है
वाह, बहुत सुब्दर लिखा है |
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very very thankful n grateful !
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